आजादी के गीत
सारा भारत गाता है
ईशु, कन्नू, शिल्पी,तूसी और विक्की
छत पर पतंग उड़ाते हैं ।
ऊछलकूद भालू सी करते
हा हा ही ही करके शोर मचाते हैं ।
मोबाइल पर तराने आजादी के गाते हैं
अग्रवाल के छोले कुल्चे,दही भल्ले और टिक्की
आर्डर पर आर्डर जाता है
बगल वाले पेटू अंकल
मौका देख के आते हैं
वाह वाह क्या बात है
कहकर माल उड़ाते हैं ।
पूरा देश इसी रीत से
आजादी के नये तराने गाता है
यह भी मेरा वो भी मेरा
इस धुन पर इठलाता है ।
हर सौदे में हिस्सेदारी
लोकतंत्र की है पहचान
हिस्सा पत्ती आधा आधा
नेताजी का है ऐलान
कदम से कदम मिला कर चलना
राष्ट्र हित का यह गान ।
सत्य असत्य न्याय अन्याय
न्यायपालिका ही जाने सब
नही हमारा है यह काम।