रात जंवा होने लगी है
महकने लगी है ये फिजा
तुम्हारी यादों में खोया है मन
चले आओ तो यहाँ ।
आखो से गिरते हैं आंसू
जुबान पर तेरा ही नाम
महफिल है रूसवा रूसवा
ओ हसीन हमसफर चले आओ एक बार ।
रात जंवा होने लगी है
महकने लगी है ये फिजा
तुम्हारी यादों में खोया है मन
चले आओ तो यहाँ ।
आखो से गिरते हैं आंसू
जुबान पर तेरा ही नाम
महफिल है रूसवा रूसवा
ओ हसीन हमसफर चले आओ एक बार ।