कितना अकेला हूँ तुम्हारे बिना
हर दिशा शांत गहरा सन्नाटा
बोझिल बोझिल सी हवा
अंधेरे के महासागर में
नही दिखते आसमान में सितारे
घुटी घुटी सी साँस
मैं पुकारता हूँ तुम्हारा नाम
आवाज नहीं निकलती
तुमको ढूंढने निकल आया हूँ
गली गली भटक रहा हूँ
दिशा भ्रम हो गया
ये मैं कहाँ खो गया
कुछ सूझ नहीं रहा
सब भूल गया हूँ
तुम्हारे नाम के सिवाय ।
अच्छा है 💐
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