“मी टू “की मार से सम्पूर्ण विश्व
थर थर काँप रहा है
कितने ही सम्मानजनक चेहरों पे
पुत गई अपमान की कालिमा
बरसों बाद याद आ गया
अपमान का गहरा घाव ।
राजनीति के अखाड़ेबाज
लकदक खादी पहनकर
साफ निकल जाने की कला में पारंगत
नैतिकता की बहस में
छाती पीट पीट कर
दूसरों की धोती ढीली होने का
नगाड़ा बजा रहें हैं ।
शर्मसार हूँ मैं
मैं सभी महिलाओं के साथ खड़ा हूं
आक्रोशित हूँ
कितने दिन टीसती रही उन की पीड़ा
सम्मान के साथ जीने का हक
सभी का बराबर
कब मिलेगा कब मिलेगा ?
🙏
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धन्यवाद
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