2018 के अंतिम कुछ घंटे
पीछे मुड़कर देखने की चाहत है
बहुत कुछ घटित हो गया
हो गया इतिहास
एक नये तरह का देश का हाल
संकट के संशय में जीता हुआ देश
संकीर्ण होती विचार की दुनिया ।
2018 के अंतिम कुछ घंटे
पीछे मुड़कर देखने की चाहत है
बहुत कुछ घटित हो गया
हो गया इतिहास
एक नये तरह का देश का हाल
संकट के संशय में जीता हुआ देश
संकीर्ण होती विचार की दुनिया ।