नव वर्ष के स्वागत में
हाथ उठाकर ,बाहें फैलाकर
खड़े हैं लोग ।
सद् भावनाओं के संदेशों में भावविभोर
Happy New Year गा रहे हैं
थिरक रहे हैं संगीत की धुन पर
उन्मत हो रहे हैं
सुरा के घालमेल ने
बहका दिए हैं उनके कदम
कुछ नया करने के लिए
हवाई फायर कर रहे हैं
किसी को घायल
गिरते देख
लड़खड़ाते कदमों से छिपने को
जा रहे हैं
सलाखों के पीछे बैठकर
नये वर्ष को गाली दे रहे हैं ।
नये वर्ष में केलैन्डर के
बदल जाने के सिवा
क्या था नया ?
सुबह सुर्खियों में अलबता यह जरुर था
शराब पी कर गाड़ी चलाने पर
6548 चालान किए गये ।
सूर्य फिर निकला पूर्व से
धुंधलके और प्रदूषण की चादर ओढकर
फिर शहर ने देखा गली गली
गंदगी का ढेर
फिर शहर की सड़कों पर लगा जाम
फिर आम आदमी निकला
करने रोजी रोटी की तलाश
फिर किसी गरीब की अस्मत हुई तार तार
नेताजी ने बेघर लोगों को कम्बल बांटे
फिर उनका फोटो छपा
समाचार के मुखपृष्ट पर
पहने हुए नोटों का हार
फिर कह रहे है
खुश रहो खुशियाँ बाँटों
नये साल का जश्न है यार ।