जीवन
तुम विस्तार हो
मेरी दृष्टि बोध का
ओ जिन्दगी ––-सुनो
मुझे देना
आसमान सरीखा खुलापन
बसंती हवा सी अल्हड़ता
गुनगुनी धूप सी मिठास
ओस बूँद सी निर्मलता
पानी सी तरलताऔर स्पष्टता
चिड़िया सी उड़ान मुक्त गगन में
मधुमक्खी सी सारग्राही जीवन दृष्टि ।
जीवन
तुम विस्तार हो
मेरी दृष्टि बोध का
ओ जिन्दगी ––-सुनो
मुझे देना
आसमान सरीखा खुलापन
बसंती हवा सी अल्हड़ता
गुनगुनी धूप सी मिठास
ओस बूँद सी निर्मलता
पानी सी तरलताऔर स्पष्टता
चिड़िया सी उड़ान मुक्त गगन में
मधुमक्खी सी सारग्राही जीवन दृष्टि ।