हम चले हैं तेरी रुसवाईयों का बोझ लिए
तू साथ है मेरे हर अफसाने में ।
हाथ झटक दिया ,ताकीद की न साथ आने की
अकेले में पिए हर ज़ाम में तेराअक्स उभर आया है ।
कुछ कहा ,कुछ कह न पाया,दर्द तेरे प्यार का
हर साँस मेंखुशबू तेरी तू महका हुआ अहसास है
हम चले हैं तेरी रुसवाईयों का बोझ लिए
तू साथ है मेरे हर अफसाने में ।
हाथ झटक दिया ,ताकीद की न साथ आने की
अकेले में पिए हर ज़ाम में तेराअक्स उभर आया है ।
कुछ कहा ,कुछ कह न पाया,दर्द तेरे प्यार का
हर साँस मेंखुशबू तेरी तू महका हुआ अहसास है