बहुत दिनों बाद हुआ है
स्वच्छ नीला आकाश
हवा कितनी साफ साफ
जैसे सुगंध से भरी हो
धूप एकदम खिली खिली
सद्यस्नात नायिका के मुखमंडल सी
सब कुछ कितना निर्मल पारदर्शी
पेड़ कितने स्वच्छ जागे जागे से
बस निहारते ही रहे अपलक
पर हम इसे लाए नहीं
ये एक भय ,संशय और आतंक से जन्मा है ।
बेहतर लिखे हैं। बिलकुल सत्य है।👌👍
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हार्दिक धन्यवाद
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पर हम इसे लाए नहीं
ये एक भय ,संशय और आतंक से जन्मा है ।
सत्य कहा👍👌👌👌
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