शहर बंद भारत बंद
शहर में चक्का जाम
दुकान बंद काम बंद
शहर जागा और
दिग्भ्रमित लोगों के हाथों
गिरफ्तार हो गया
गिरफ्तार हो गई सारी व्यवस्था
सीधे सच्चे लोग खड़े खड़े निहार रहे हैं
इंटरव्यू के लिए जाते नौजवान
अपने भाग्य को कोस रहे हैं
बीमार मां को अस्पताल ले जाता बेटा
हाथ जोड़ कर जाने की गुहार लगाता है
शहर अपाहिज हो गया
दिन की रोशनी में घना अंधकार छा गया
वक्त बुरा आ गया ।
अव्यवस्था के साए में
राजनीति की नई इबारत
गढी जा रही है
नेताओं की दुत्कारी गई पीढ़ी
पैट्रोल की बढ़ती कीमतों में
सपनो की गाड़ी दौड़ा रहीं है ।
शहर दर शहर यही हाल है
ओछी राजनीति से देश बदनाम है ।